बवासीर क्या है
बवासीर रोग में गुदा में मस्से निकल आते हैं जो पेट की शुष्कता बढ़ने से उत्पन्न होता है। ये मस्से रक्तनलिकाओं के सूजने से बनते हैं।इस रोग का मुख्य कारण कब्ज का बने रहना है। कब्ज अधिकतर असंतुलित या गलत आहार -विहार के कारण होती है।
यह रोग उन व्यक्तियों को भी हो जाता है जो दिन भर गद्दी या कुर्सी पर बैठे रहते हैं।
प्रायः बासी भोजन खाने से तीक्ष्ण दवाओं के सेवन, शीतल स्थान पर अधिक समय तक बैठने, मल-मूत्र एवं वायु का वेग रोकने से, विषम आसन लगाने से अक्सर यह रोग हो जाता है।
इस रोग में मल त्यागते समय गुदा की रक्तवाहिनी नलिकाओं पर दबाब पड़ता है। और वे फूलकर मस्सों का रूप धारण कर लेती हैं जिससे मल त्यागते समय गुदा में दर्द व जलन होती है।
बवासीर दो प्रकार की होती है
- खुनी बवासीर
- बादी बवासीर
खुनी बवासीर
खुनी बवासीर में मल के साथ -साथ खून भी आता है। जलन,अकड़न,टपकन, और छुरी से काटकर फेंकने जैसा भयंकर दर्द व जलन होती है। रोगी को बैठने में तकलीफ होती है और वह बवासीर के कारण दुखी रहता है।
बादी बवासीर
बादी बवासीर में भूख कम लगती है। जांघों में पीड़ा होती है, उठते -बैठते शरीर के जोड़ चटकते हैं। रोगी व्यक्ति दिन-प्रतिदिन कमजोर होता जाता है। गन्दी अपान वायु निकलती रहती है। गुदा में भयंकर खुजली होती है।
उपचार
5 पान पत्तों को सिलबट्टे पे पीस लें अगर पिसने में कोई परेशानी आये तो उसमे थोड़ा पानी डाल कर पीस लें।
अब इस पिसे हुए पान के पत्ते को गोल आकार की टिकिया बनाके गुदामार्ग में लगाएं।
इसे लगाने से आपको गुदामार्ग में थोड़ी जलन सी महसूस होगी घबराये नहीं इसका मतलब है ये अपना काम करने लग गया है। 4-5 दिन तक इस क्रिया को करने से बवासीर नष्ट हो जाएगी
नारियल की जटा को जलाकर भस्म बना लें इस भस्म को सुबह एक चम्मच चाय वाला छाछ के साथ लें.
ये बवासीर की रामबाण औसधि है।
पुराने से पुराने बवासीर को ठीक करता है चाहे किसी भी प्रकार का बवासीर हो इसको आप इस्तेमाल जरूरर करें और अपनी परेशानी से निजात पाएं।
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1 Comments
Very nice tips. Get rid of piles naturally and safely with natural remedies.
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