बुखार कई प्रकार का होता है जैसे - मलेरिया, टाइफाइड, दिमागी बुखार और वायरल फीवर कई बार किसी चीज से इन्फेक्शन व मौसम बदलने के कारण बुखार हो जाता है। बुखार के शुरुआती लक्षण को अगर ठीक समय पर पहचान लिया जाये तो इससे बचा जा सकता है। लोग जल्दी आराम के लिए एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं जिनसे रोग तो आराम तो मिल जाता है लेकिन ये दवाएं हमारे शरीर पर बुरा असर डालती हैं।
1. अदरक का रस 1 चम्मच, सोंठ का चूर्ण 1 चम्मच, तुलसी के 22 पत्ते, 4 लौंग और थोड़ा सेंधा नमक इन सबको 1 गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। इस पानी को तब तक पकाएं जब तक पानी आधा गिलास ना रह जाये। अब इसे छानकर ठंडा कर लें। अब इसमें स्वादानुसार मिश्री मिला लें। इस घोल को दिन में 2 बार 3-4 दिन तक लें।
3. ज्यादातर बुखार वायरस से फैलता है इसलिए नीम का प्रयोग करें। नीम में बीमारिनाशक क्षमता है। नीम के २० पत्तों को पानी में उबालकर छान लें अब इसमें शुद्ध हल्दी पाउडर मिला लें दिन में 3 से 4 बार इसका सेवन करें इससे बुखार 1-2 दिन में ही ठीक हो जाएगा।
4. गाय के दूध में जीरा डालकर 10 मिनट तक उबाल लें। उसके बाद जीरे को सूखा दें। सूखने के बाद इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें इस चूर्ण को दिन में 2 से 3 बार रोगी को दें। इस चूर्ण से पुराने से पुराना बुखार ( ज्वर ) ठीक हो जायेगा।
5. 3 से 5 लौंग को पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच शहद के साथ रोगी को दें। दिन में 3-4 बार दें। इससे बुखार एकदम ठीक हो जाएगा ये बुखार की एक कारगर औषधि है।
6. तिल के तेल में 8-9 लहसुन की कलियां अच्छी तरह तलकर सेंधा नमक के साथ रोगी को खिलाएं। इससे रोगी का बुखार तुरंत ठीक हो जाएगा। यह बुखार का रामबाण उपचार हैं।
7. 20 ग्राम सरसों के तेल में 10 लहसुन की कलियां डालकर पका लें। पकाएं ऐसे की लहसुन की कलियां लाल पड़ जाएं। हलके गर्म तेल से रोगी के तलवों की मालिश करें। यह तेल शरीर के तापमान को धीरे-धीरे सामान्य कर देगा और रोगी का बुखार एकदम ठीक हो जाएगा।
8. मौसमी बुखार में अदरक की चाय पीने से रोगी को आराम मिलता है। इसलिए दिन में 2-3 बार अदरक की चाय रोगी को अवश्य पिलायें।
9. बुखार होने पर रोगी को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए और खाने में हल्की-फुल्की चीजें जैसे, दलिया, साबूदाने की खिचड़ी और हल्के खाध पदार्थों का सेवन ही करना चाहिए।
10. गर्मी के मौसम में बुखार हो जाने पर ठन्डे पानी की पट्टी बुखार के रोगी को बहुत आराम पहुँचाती है। पानी में कपड़ा भिगोकर निरंतर हाथ पैरों को भी पोछते रहना चाहिए इससे बुखार जल्दी ही ठीक हो जाता है।
ठंडी, खट्टी, तली-भुनी, तेलीय पदार्थ, बाजारू पेय पदार्थ बुखार से पीड़ित रोगी को कभी नहीं खाना चाहिए जितना हो सके उतना हल्का खाना दें। रोगी को जल्दी स्वस्थ होने के लिए।
बुखार का उपचार व परहेज
1. ध्यान रखें की बुखार के रोगी के शरीर में पानी की कमी ना हो इस अवस्था में रोगी को 1 दिन में 2 से 3 लीटर पानी पिलायें इससे रोगी के शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और वो जल्दी स्वस्थ होगा । बुखार में पानी उबालकर ही पिलायें। अगर रोगी का नहाने का मन करे तो उसे गर्म पानी से ही नहलाएं।
1. अदरक का रस 1 चम्मच, सोंठ का चूर्ण 1 चम्मच, तुलसी के 22 पत्ते, 4 लौंग और थोड़ा सेंधा नमक इन सबको 1 गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। इस पानी को तब तक पकाएं जब तक पानी आधा गिलास ना रह जाये। अब इसे छानकर ठंडा कर लें। अब इसमें स्वादानुसार मिश्री मिला लें। इस घोल को दिन में 2 बार 3-4 दिन तक लें।
3. ज्यादातर बुखार वायरस से फैलता है इसलिए नीम का प्रयोग करें। नीम में बीमारिनाशक क्षमता है। नीम के २० पत्तों को पानी में उबालकर छान लें अब इसमें शुद्ध हल्दी पाउडर मिला लें दिन में 3 से 4 बार इसका सेवन करें इससे बुखार 1-2 दिन में ही ठीक हो जाएगा।
4. गाय के दूध में जीरा डालकर 10 मिनट तक उबाल लें। उसके बाद जीरे को सूखा दें। सूखने के बाद इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें इस चूर्ण को दिन में 2 से 3 बार रोगी को दें। इस चूर्ण से पुराने से पुराना बुखार ( ज्वर ) ठीक हो जायेगा।
5. 3 से 5 लौंग को पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच शहद के साथ रोगी को दें। दिन में 3-4 बार दें। इससे बुखार एकदम ठीक हो जाएगा ये बुखार की एक कारगर औषधि है।
6. तिल के तेल में 8-9 लहसुन की कलियां अच्छी तरह तलकर सेंधा नमक के साथ रोगी को खिलाएं। इससे रोगी का बुखार तुरंत ठीक हो जाएगा। यह बुखार का रामबाण उपचार हैं।
7. 20 ग्राम सरसों के तेल में 10 लहसुन की कलियां डालकर पका लें। पकाएं ऐसे की लहसुन की कलियां लाल पड़ जाएं। हलके गर्म तेल से रोगी के तलवों की मालिश करें। यह तेल शरीर के तापमान को धीरे-धीरे सामान्य कर देगा और रोगी का बुखार एकदम ठीक हो जाएगा।
8. मौसमी बुखार में अदरक की चाय पीने से रोगी को आराम मिलता है। इसलिए दिन में 2-3 बार अदरक की चाय रोगी को अवश्य पिलायें।
नोट - बुखार अधिक बढ़ जाने पर कृपया चिकित्सक को दिखाएँ
9. बुखार होने पर रोगी को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए और खाने में हल्की-फुल्की चीजें जैसे, दलिया, साबूदाने की खिचड़ी और हल्के खाध पदार्थों का सेवन ही करना चाहिए।
10. गर्मी के मौसम में बुखार हो जाने पर ठन्डे पानी की पट्टी बुखार के रोगी को बहुत आराम पहुँचाती है। पानी में कपड़ा भिगोकर निरंतर हाथ पैरों को भी पोछते रहना चाहिए इससे बुखार जल्दी ही ठीक हो जाता है।
परहेज में क्या ना खाएं
ठंडी, खट्टी, तली-भुनी, तेलीय पदार्थ, बाजारू पेय पदार्थ बुखार से पीड़ित रोगी को कभी नहीं खाना चाहिए जितना हो सके उतना हल्का खाना दें। रोगी को जल्दी स्वस्थ होने के लिए।
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